ऑक्सीकारक एवं अवकारक | Oxidizing and Reducing
कोई पदार्थ या तत्व को जब ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है या ऑक्सीजन प्राप्त कर लेता है तो उस पदार्थ या तत्व को आक्सीकृत पदार्थ या तत्व कहा जाता है ठीक इसके विपरीत जब कोई पदार्थ से ऑक्सीजन अलग होता है तो वह पदार्थ अवकृत कहलाता है।
अवकारक | reducing reagent
ऑक्सिकृत पदार्थ को अवकारक कहते है या दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि जिस पदार्थ या तत्वों का ऑक्सीकरण होता है वह पदार्थ अवकारक कहलाता है।
ऑक्सीकारक | reducing reagent
जिस पदार्थ का अवकरण हुआ हो या अवकृत हुआ है ऐसे पदार्थ ऑक्सीकरक कहलाता है। इसके निम्न उदाहरण है।
2H2 + O2 → 2H2O
हाइड्रोजन ऑक्सीजन. हाइड्रोक्लोरिक
ऊपर के रासायनिक समीकरण में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन एक दूसरे से मिलते हैं हाइड्रोजन ऑक्सीजन प्राप्त करता है हाइड्रोजन ऑक्सीजन प्राप्त कर अवकृत हो जाता है अतः हाइड्रोजन अवकारक है चूंकि ऑक्सीजन प्राप्त कर हीड्रोजन अवकृत हुआ है इसीलिए ऑक्सीजन एक ऑक्सीकारक है।
ऑक्सीकरण अवकरण या रेडोक्स रिएक्शन के अन्य उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं।
ऑक्सीकरण अवकरण या रेडोक्स रिएक्शन के अन्य उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं।
ZnO + C → Zn + CO
2PbO + C → 2Pb + CO2
➪ ऑक्सीकरण एवं अवकरण अभिक्रिया | Oxidation and Reduction reaction
➪ रेडोक्स रिएक्शन| Redox Reaction
यह रासायनिक अभिक्रिया का ही एक विशेष प्रकार है जिसके अंतरगत ऑक्सीकरण और अवकरण सदैव एक साथ साथ होते हैं यह दोनों अभिक्रियाओ के साथ साथ होने को रेडोक्स रिएक्शन कहते हैं।
➪ ऑक्सीकरण | Oxidation
जब किसी अभिक्रिया में किसी तत्व या यौगिक के साथ ऑक्सीजन का सहयोग या हाइड्रोजन का त्याग होता है तो ऐसे अभिक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
(i) इसका सबसे अच्छा उदाहरण है जब कार्बन को ऑक्सीजन की उपस्थिति में या वायु की उपस्थिति में जलाया जाता है तो वह ऑक्सीजन से संयोग कर कार्बन डाइऑक्साइड गैस का निर्माण करता है।
C + O2 → CO2
कार्बन ऑक्सीजन. कार्बन डाइऑक्साइड
ऊपर दिए हुए रासायनिक समीकरण से यह स्पष्ट है कि ऑक्सीजन का संयोग कार्बन के साथ हो रहा है अतः यह एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है और इस अभिक्रिया में कार्बन का ऑक्सीकरण हो रहा है।
(ii) इसी तरह सल्फर डाइऑक्साइड गैस का निर्माण गंधक को वायु में जलाने पर होता है इस अभिक्रिया के अंतरगत गंधक के साथ वायु में उपस्थित ऑक्सीजन के जुड़ने से गंधक का ऑक्सीकरण हो रहा है।
(ii) इसी तरह सल्फर डाइऑक्साइड गैस का निर्माण गंधक को वायु में जलाने पर होता है इस अभिक्रिया के अंतरगत गंधक के साथ वायु में उपस्थित ऑक्सीजन के जुड़ने से गंधक का ऑक्सीकरण हो रहा है।
S + O2 → SO2
गंधक ऑक्सीजन. सल्फर डाइऑक्साइड
B . हाइड्रोजन का अलग होना
जब मैंगनीज डाइऑक्साइड के साथ सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल को गर्म किया जाता हौ इस अभिक्रिया में क्लोरीन गैस निकलती है इस रासायनिक समीकरण से यह स्पष्ट है कि अभिक्रिया के फलस्वरुप हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) में से हाइड्रोजन का निष्कासन हुआ है अतः इस अभिक्रिया में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल(HCl) का ऑक्सीकरण हो रहा है।
4HCl + MnO2 → MnCl2 + H2O + Cl2↑
हाइड्रोक्लोरिक क्लोरीन. हाइड्रोक्लोरिक जल सल्फर
➪अवकरण | Reduction
अवकरण अभिक्रिया के फलस्वरुप किसी भी तत्व या योगिक के साथ हाइड्रोजन का संयोग या ऑक्सीजन का निष्कासन होता है । जो अभिक्रिया ऑक्सीकरण अभिक्रिया का बिल्कुल विपरीत है।
A . तत्वों के साथ हाइड्रोजन का संयोग
- जल के बनने के लिए ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन का अभिक्रिया होना अति आवश्यक है इस प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस के बीच विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है जो अभिक्रिया अवकरण अभिक्रिया का एक बहुत ही सामान्य उदाहरण है और ऑक्सीजन के अवकरण होने के फलस्वरुप ही जल का निर्माण होता है।
2H2 + O2 → H2O
हाइड्रोजन ऑक्सीजन. जल
हाइड्रोजन ऑक्सीजन. जल
- जब क्लोरीन और हाइड्रोजन परस्पर एक दूसरे से संयोग करते हैं तो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का निर्माण होता है इस अभिक्रिया के अंतर्गत क्लोरीन का हाइड्रोजन के साथ जुड़ना, जो प्रदर्शित करता है कि अभिक्रिया में क्लोरीन का अवकर हो रहा है।
H2 + Cl2 → 2HCl
हाइड्रोजन क्लोरीन. हाइड्रोक्लोरिक
B . किसी यौगिक से ऑक्सीजन का निकलना
गर्म कॉपर ऑक्साइड के ऊपर से जब हाइड्रोजन गैस प्रवाहित करते हैं तो कॉपर धातु मुक्त होता है।
CuO + H2 → H2O
कॉपर ऑक्साइड हाइड्रोजन. जल
ऊपर के रासायनिक समीकरण से यह स्पष्ट है कि कॉपरऑक्साइड से ऑक्सीजन का निष्कर्षण हो रहा है अतः कॉपर ऑक्साइड का अवकरण हो रहा है।
ऑक्सीकरण और अवकरण अभिक्रिया दोनों अलग-अलग नहीं होती यह सदैव साथ साथ होती है इस कथन को समझने के लिए नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं आई इनसे समझते हैं।
- (I) कुछ अभिक्रिया ऐसी है जिसमें ऑक्सीकरण और अवकरण दोनों साथ-साथ होती है ऐसी अभिक्रियाओं में से ही एक है जब क्यूपरिक ऑक्साइड को हाइड्रोजन के साथ गर्म किया जाता है तो उसके फलस्वरुप कॉपर धातु और जल बनता है।
CuO + H2 → Cu + H2O
क्यूपरिक ऑक्साइड हीड्रोजन कॉपर जल
इस अभिक्रिया में जॉब ऑक्सीजन का संयोग हाइड्रोजन के साथ होता है तो इसके फलस्वरुप जल का निर्माण होता है अतः इससे यह स्पष्ट है कि हाइड्रोजन ऑक्सीकृत होकर जल बनाता है इस ऑक्सीकरण को संपन्न होने के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति क्यूपरिक ऑक्साइड से होता है अतः इससे यह स्पष्ट है कि क्यूपरिक ऑक्साइड ऑक्सीकारक है।
इसके साथ ही हम यह भी देखते हैं कि क्यूपरिक ऑक्साइड कॉपर में परिवर्तित हो रहा है। क्यूपरिक ऑक्साइड से ऑक्सीजन भी अलग हो रहा है चूंकि किसी यौगिक से ऑक्सीजन का अलग होना अवकरण कहलाता है। अतः इस स्थिति में हम यह देखते हैं कि क्यूपरिक ऑक्साइड का अवकरण होने से ही कॉपर बना है। जहाँ ऑक्सीजन को हाइड्रोजन क्यूपरिक ऑक्साइड में से निष्कासित करता है। अतः यह कह सकते हैं कि हाइड्रोजन एक अवकारक है। इस प्रकार ऑक्सीकरण और अवकरण ऐसी प्रक्रिया है जो दोनों एक साथ साथ होती है।
इसके साथ ही हम यह भी देखते हैं कि क्यूपरिक ऑक्साइड कॉपर में परिवर्तित हो रहा है। क्यूपरिक ऑक्साइड से ऑक्सीजन भी अलग हो रहा है चूंकि किसी यौगिक से ऑक्सीजन का अलग होना अवकरण कहलाता है। अतः इस स्थिति में हम यह देखते हैं कि क्यूपरिक ऑक्साइड का अवकरण होने से ही कॉपर बना है। जहाँ ऑक्सीजन को हाइड्रोजन क्यूपरिक ऑक्साइड में से निष्कासित करता है। अतः यह कह सकते हैं कि हाइड्रोजन एक अवकारक है। इस प्रकार ऑक्सीकरण और अवकरण ऐसी प्रक्रिया है जो दोनों एक साथ साथ होती है।
- (ii) जब हाइड्रोजन सल्फाइड और क्लोरीन के बीच अभिक्रिया होती है तो इस अभिक्रिया के फलस्वरुप हाइड्रोजन सल्फाइड से हाइड्रोजन का निष्कासन होता है तथा ठीक इसके विपरीत क्लोरीन के साथ हाइड्रोजन का सहयोग होता है जिसके फलस्वरुप हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का निर्माण होता है इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन सल्फाइड से हाइड्रोजन अलग होता है इसलिए हाइड्रोजन सल्फाइड का ऑक्सीकरण तथा क्लोरीन के साथ हाइड्रोजन के संयोग, इसलिए इसका अवकरण हुआ है।
H2S + Cl2 → 2HCL + S
हाइड्रोजन सल्फाइड क्लोरीन. हाइड्रोक्लोरिक सल्फर
➪दैनिक जीवन में ऑक्सीकरण और अवकरण के कुछ प्रभाव
1 . भोजन का पचना | digestion of food
मारे द्वारा ग्रहण किया गया भोजन कार्बोहाइड्रेट का एक मुख्य स्रोत है पाचन क्रिया के समय स्टार्ट टूटकर ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है और ग्लूकोज हमारे शरीर की कोशिकाओं में उपस्थित ऑक्सीजन प्राप्त कर ऑक्सीकृत हो जाता है इसके बाद यह कार्बन डाइऑक्साइड तथा उर्जा हमारे शरीर को प्रदान करता है जो ऊर्जा हमारे शरीर के ताप को सामान्य बनाए रखने में मदद करती है तथा किसी भी शारीरिक कार्य करने के लिए हम इस उर्जा का प्रयोग बल के रूप में करते है।
C6H12O6 + 6O2 → 6CO2 + 6H2O
ग्लूकोज ऑक्सीजन. कार्बन डाइऑक्साइड जल
2 . भोजन का दुर्गंध | food rancidity
जब भी हमारे आसपास कहीं ताजी बनी भोजन होती है तो उसका गंध हमें बहुत ही प्रिय लगता है तथा ताजा भोजन का स्वाद बहुत ही प्रिय होते हैं परंतु इसी भोजन को जब कुछ समय के लिए खुला छोड़ दिया जाए तो इससे निकलने वाले गंध बहुत ही अप्रिय एवं स्वाद भी बहुत अप्रिय सो जाते हैं जैसे कि बासी भोजन इसके गंध एवं स्वाद दोनों ही अप्रिय होते हैं।
इसके स्वाद और गंध में यह अप्रिय बदलाव का कारण भोजन में उपस्थित वसा और तेल जो काफी समय तक खुले में रहने के बाद वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से और शिक्षित होकर गंध एवं स्वाद दोनों को अप्रिय बना देते हैं।
इसके स्वाद और गंध में यह अप्रिय बदलाव का कारण भोजन में उपस्थित वसा और तेल जो काफी समय तक खुले में रहने के बाद वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से और शिक्षित होकर गंध एवं स्वाद दोनों को अप्रिय बना देते हैं।
भोजन का दुर्गंध बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय
- वसायुक्त भोजन के ऑक्सीकरण रोकने के लिए भजन में एक खास तरह का पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट मिला दिया जाना चाहिए।
- घर में भोजन के ऑक्सीकरण को कम करने के लिए उसे रेफ्रिजरेटर में रखना भी बहुत लाभदायक होता है
- ऑक्सीकरण कम करने का एक खास उपाय भोजन को हमेशा वायु दूध बर्तन में रखना भी है।
3. संक्षारण | Corrosion
प्रकृति में होने वाले ऑक्सीकरण अवकरण की अभिक्रिया को संक्षारण कहते हैं। संक्षारण के कारण ही धातुओं के सतह पर छोटी-छोटी क्षेत्र बन जाती है और इसकी मजबूती में ह्रास होने लगता है। अपने अक्सर ऐसा देखा होगा कि जब कोई भी धातु को कुछ समय के लिए वायु में खुला छोड़ दिया जाता है, जिसके सतह पर कोई अन्य परत ना चढ़ा हो जैसे कि ग्रीस, रंग या किसी अन्य धातु का लेप चढ़ा ना हो तो वह वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर अपने ऊपर ऑक्साइड का एक परत बना लेता है।
4. दहन की क्रिया | Combustion
आपके दैनिक जीवन में दहन की अनेक क्रियाकलाप होते आपको देखने को मिलता जैसे कि ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला लकड़ी, कोयला, केरोसिन और द्रवित पेट्रोलियम गैस आदि को जलते देखा होगा। इन सभी इंधन को जलने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है तथा इन ईंधन को जलने में ऑक्सीकरण अवकरण अभिक्रिया संपन्न होती है।
किसी भी ईंधन को ऑक्सिजन की उपस्थिति में जलना ही दहन कहलाता है।
किसी भी ईंधन को ऑक्सिजन की उपस्थिति में जलना ही दहन कहलाता है।